Friday, June 24, 2011

जोगन

जोगन बन गई हूँ तेरे इश्क में,
अब कुछ और मुझे भाय नहीं !
करू जाके फरियाद किससे,
फरियाद सुनने वाले से लगन लगी !

लोग पुकारे मुझे बाबली,
हूँ बिन बात खिलखिलाती रहती !
बेहोश होती तो होश में आ भी जाती,
क्या करू जब होश में बेहोशी रमने लगी !

लगा था दुनिया के काम काज में,
भूल जाऊगी नमाज़ पड़ना !
देख दुनिया का तमाशा,
नमाज़ पड़ने के सिवा सब बेमतलब लगा !

हर जन्म कंकड़ पथरों को ही बटोरा है ,
इस बार अपने इश्क में मुझे दीवाना बनने दे !
तुझे इज़ाज़त है हर दर्द देने की मुझे,
बस अपने और पास मुझे खुदा खींचता जाना !

जोगन बन गई हूँ तेरे इश्क में,
अब कुछ और मुझे भाय नहीं !
करू जाके फरियाद किससे,
फरियाद सुनने वाले से लगन लगी !

2 comments:

  1. लगा था दुनिया के काम काज में,
    भूल जाऊगी नमाज़ पड़ना !
    पर दुनिया का तमाशा देखा तो ,
    नमाज़ पड़ने के सिवा सब बेमतलब लगा !

    :)

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  2. A smile can say more than words. I am returning a bigger and more beautiful smile to you.:-) :-)

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