तेरे पास रहूँ या दूर कहीं !
कभी दुश्मन बनके, तुझे चोट न करू !
अगर मिले तू कभी अजनबी बनकर भी ,
मेरी पलकें शर्म से न झुकें !
इतनी पाक मुहब्बत रहे मेरी !
जो याद आये कभी तेरी, डबडबा जाए आँखें मेरी !
ख्वाब में भी, शिकायत न करू ज़माने से तेरी !
उस उंचाई तक लेकर जाय मुहब्बत तेरी !
तेरा होना न होना, किस्मत की बात है !
तेरे न होने से, कभी गवाऊं न खुद को मैं !
इतनी सी खुदा से इल्तज़ा है मेरी !
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oops....too much for me to take it....
ReplyDeleteyeh ishq nahi asaan,bas itna samajh lijyee!
ReplyDeleteEk aag ka darya hai, or Doob ker jana hai!
:-)
Excellent !!! touched my heart !
ReplyDeleteThanks Nids..heart to heart ..:-)
ReplyDeleteLove...