Thursday, September 20, 2012

दूसरा

मैं हमेशा सोचती थी 
क्यों दूसरों ने मुझे इतना दर्द दिया
न दिया होता,
तो शायद ज़िन्दगी और हसीन होती !

पर देखते देखते,
उस मकाम पर मैं आ पहुंची 
जहाँ कोई दूसरा नज़र ही नहीं आता !
वो तो मेरा ही अँधेरा था 
मैंने अपनी इच्छाओं और सपनों के बुत बना रखे थे 
कभी उनसे दोस्ती कर ली 
कभी उनसे शिकायत कर ली

अब सोचती हूँ,
वहां तो कोई भी न था मेरे सिवा 
किसे मैं माफ़ करूं
किस्से में कोई शिकवा रखूँ 
मैं ही अब वो मैं न रही 
इन बातों का किस्से चर्चा करूं !

Tuesday, September 18, 2012

Dream

Whole life feels just a child's dream
Who doesn't open eyes
Afraid it might be true
 
Everything looks so unreal
May collapse any moment
 
So she keeps on dreaming and dreaming
Don't know
Whether she is awake or asleep

Monday, September 17, 2012

सराय

मैं बिना घर ही रह गई
जिसे घर समझा था
वो तो कुछ दिनों का बस सराय निकला !

Tuesday, August 21, 2012

मुसाफिर

इक दिन छोड़ के जाना है,
ये दुनिया का मेला !
काहे तूने समझ लिया मुसाफिर,
यहाँ घर है तेरा !

उदास होता है, घबराता है,
जब बदलता है इक शहर से दूसरा शहर !
कैसे मुस्कुराकर छोड़ेगा,
जाहाँ सारा मुसाफिर !

रोता है दुआएँ मांगता है
जब हलका सा दर्द हो तेरे अपनों को,
तो बता, किस तरहे से बिदाई देकर जायेगा,
अपने ज़िगर के टुकड़ों को मुसाफिर!

Thursday, August 16, 2012

तनहा

मेरी आँखों में, जाने कैसी बिमारी है !
हर राह चलते इंसान की बुराई,
साफ़ नज़र आती है !

काश ...
मुझे फुरसत होती,
अपनी आँखों के आईने में !
खुद को देखने की,
तो मैं इतनी तनहा न होती !

Friday, June 8, 2012

शब्द

शब्दों का मेरे क्या मोल पिया !
इक आँसू की दस्ता,
एक किताब कह न पाये पिया !
आँखों में से झाँक लो मेरे जिया का हाल पिया !

बाँध पाया सच को शब्दों में कौन यहाँ ?
अधूरा ही सच कह पाये जुवा पिया !
समेट लो अपनी बाँहों में मुझको,
धड़कने खोल देगी सारे राज़ पिया !

होकर खफ़ा तुझसे जो लागू बुदबुदाने मैं,
शब्दों के जाल में फंस न जाना पिया !
बोलते बोलते रुक जाऊं जब में,
नाम अपना मेरे होटों पे पढ़ लेना पिया !

हो जाऊं अगर नाराज तुझसे,शब्दों से न बहकाना !
पकड़ लेना हाथ मेरा ,सीने से लगा लेना पिया !
सब भूल कर , फिर हो जाऊँगी तेरी पिया !

Monday, March 5, 2012

जब से ...

जब से हम तुझे चाहने लगे हैं,
खफ़ा ग़म जमाने के रहने लगे हैं!
अब पनाहों में तेरी सांस लेते हैं हम,
जन्नत की महफ़िलों में गैर हाज़िर होते हैं हम!

कभी- कभी...

कभी कभी तेरी याद,
पिछले दरवाजे से दस्तक देती है!
मैं कहती हूँ ,बात खत्म हुई,
वो कहती है इतनी भी क्या जल्दी है!

Thursday, March 1, 2012

Only Love..

Love is the only truth in life
Love is the only mystery beyond words
I had so much to say
Before I felt love
I lost all poetry
When I felt love

Whatever I say,
Convey nothing

I cry in Ecstasy
Explanation is impossible

When I merged into your arms,
And you held me tight
I realized this is what
I was always wondering for
This is what
I was always thirsty for

Its only his kindness,
he showered love through you.

I bow down thousand times to him in gratitude.
He has given me ultimate gift.
What else I can ever ask after getting you, my love