Thursday, June 30, 2011

फिर चला है दिल अकेला...

फिर चला है दिल अकेला ,
अपनी मंजिलों की तलाश में !
जाने किससे मुलाकात हो,
उस अजनबी शहर में !

होगें रस्ते अनदेखे से,
होगी गलियां गुमनाम सी !
न होगा कोई दुआ सलाम करने वाला !
फिर चला है दिल अकेला ,
कुछ नए दोस्ताने बनाने !

सड़के देखती होंगी राह मेरी
देती होंगी आवाज हवाएं वहां की !
मैं ही नहीं हूँ बेचैन उनके मिलन को !
उन्हें भी इंतज़ार रहता होगा मेरा !
फिर चला है दिल अकेला ,
उनके फ़साने सुनने और अपने कहने !

हर सफ़र में,
कुछ देकर आ जाती हूँ
कुछ लेकर आ जाती हूँ
न मैं मैं रहती हूँ
न वो शहर वो रहता है
फिर चला है दिल अकेला ,
थोड़ा सा लेने थोड़ा सा बाटने !

न जाने कितनी चट्टानों पर अपने निशा छोड़े हैं
न जाने कितने समन्दरों के रेत में खारोंदे बनाये हैं
न जाने कितने दरख्तों से दोस्ती की है
न जाने कितनी नदियों का संगीत सुना है
सबने बिना जाने बेसुमार प्यार किया है !
फिर चला है दिल अकेला ,
उनके उसी प्यार को पाने !

मन मेरे ...

मन मेरे ...
क्यों है तू बाबरा ,
जो मिलता है वो तुझे नहीं भाता
जो नहीं मिलता,
उसे पाना मकसद जो जाता तेरा !

ये भी कोई बात है भला,
तू रहे हमेशा सब पाकर भी प्यासा !
करू कितने भी जतन ,
तेरा प्याला खाली ही रह जाता !

हद है दोस्त तेरी,
नींद में भी तू भटकता रहता है
सपनों में,
कभी अतीत को कुरेदता है
कभी भविष्य के सपने बुनता है

क्या करू तेरा , तू ही बता दे !
न दोस्ती भली तुझसे,
न दुश्मनी से कुछ हासिल !
कोई बीच का मार्ग हो, तो समझा दे !

सच ये है ,
तू मुझसे, मैं तुझसे जुदा हो नहीं सकते!
तो ऐसा करते हैं ,
ज़रा-सा फासला दरमियां बना लेते हैं

मैं दूर से तुझे निहारती रहूँ !
न तेरी कुछ सुनु, न अपनी कुछ कहू ,

बता बाबरे मन कैसी रहेगी !

Friday, June 24, 2011

जोगन

जोगन बन गई हूँ तेरे इश्क में,
अब कुछ और मुझे भाय नहीं !
करू जाके फरियाद किससे,
फरियाद सुनने वाले से लगन लगी !

लोग पुकारे मुझे बाबली,
हूँ बिन बात खिलखिलाती रहती !
बेहोश होती तो होश में आ भी जाती,
क्या करू जब होश में बेहोशी रमने लगी !

लगा था दुनिया के काम काज में,
भूल जाऊगी नमाज़ पड़ना !
देख दुनिया का तमाशा,
नमाज़ पड़ने के सिवा सब बेमतलब लगा !

हर जन्म कंकड़ पथरों को ही बटोरा है ,
इस बार अपने इश्क में मुझे दीवाना बनने दे !
तुझे इज़ाज़त है हर दर्द देने की मुझे,
बस अपने और पास मुझे खुदा खींचता जाना !

जोगन बन गई हूँ तेरे इश्क में,
अब कुछ और मुझे भाय नहीं !
करू जाके फरियाद किससे,
फरियाद सुनने वाले से लगन लगी !

Thursday, June 23, 2011

झोका

सुन मेरी जान,
थोड़ा सा संभल,
क्यों है इतनी बेचैन!
जरा सा तो सब्र रख,
बस झोका है हवा का,
गुजर जायेगा !

बह मत जाना इसके संग,
सो मत जाना होकर तंग!
फिर इंतिहा की घड़ी आ गई है!
झोके से लौ टकरा गई है!
बुझ मत जाना चाहे जो हो!
जरा सा तो सब्र रख,
बस झोका है हवा का,
गुजर जायेगा !

कितने झोके आकर गए हैं,
पर तुझे कहा वो मिटा सके हैं!
फिर क्यों काँप जाती है,
इनकी आहट सुनकर?
जरा सा तो सब्र रख,
बस झोका है हवा का,
गुजर जायेगा !

मुस्कुरा तो दे मेरी जान,
इस बार झोके को देख!
अपने आप इसका दम निकल जाएगा!
तुझमे तो है हिम्मत तुफा से निकल जाने की,
झोके ने कैसे तेरी आँखें भर दी!
जरा सा तो सब्र रख,
बस झोका है हवा का,
गुजर जायेगा !

Saturday, June 18, 2011

कबूल है...

तेरा इश्क आरजू आवरू मेरी
तेरा इश्क जात जुबा मेरी
तेरा इश्क तो बन गया है इबादत मेरी
जो तेरी रज़ा है, वो मेरी रज़ा है
झुका दिया है सर तेरे क़दमों में,
अब जो भी तू करे, वो कबूल है

ये तेरे इश्क का जुनू है...
देखता भी तू है, दिखाई भी देता तू है
सुनता भी तू है, कहता भी तू ही है
उठती है नज़र जिस तरफ भी,
होता बस तू ही तू है

तेरा दिया गम भी मुझे अज़ीज़
तेरे काँटों में भी फूलों की महक
ये जो रोग लगा है तेरे इश्क का
फासला मिट गया गम और ख़ुशी का

ये मेरी ज़िन्दगी अमानत तेरी
तुझे दे दी, बचाया मैंने कुछ नहीं
झुका दिया है सर तेरे क़दमों में,
अब जो भी तू करे, वो कबूल है

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Many of my good friends don't understand Hindi so I am trying to translate it. I am not sure, if I would be able to justice:-)

Your love is my desire and prestige
Your love is my language and respect
Your love has become my prayer
Your wish is my wish
I surrender myself to you
Whatever you do to my life, I accept wholeheartedly

This the passion of love,
You are the one who watch, and you are the same who is watched (Inside me you are there and whomever I am watching... you are inside them also)
You are the one who listen, and you are the same who listen
In whatever direction, I see
I see only you everywhere

I enjoy sadness
I feel fragrance in thrones
When I fell in love with you,
There is no difference in joy and sadness

My life is your gift,
I am giving it to you without keeping anything
I surrender myself to you
Whatever you do to my life, I accept wholeheartedly!

Friday, June 10, 2011

I chose you because I know

I chose you because I know
You will never hurt me
If you ever do,
you will feel more pain than I do

I chose you because I know
You will never go away from me
If you ever go,
You will go only when you loose all hopes for being together

I chose you because I know
Even when my face is full of wrinkles and my hands shake
You will have same love in your eyes
you will hug me with same warmness


I chose you because I know
I can open every bit of mine without hesitation
You will accept me as I am without modifications
You will be with me to help us to become more beautiful and mature

I chose you because I know
You can bring me back to my sense when I go out of mind
You will leave me alone when I need it most
And hold me when I want you to be near me.

I choose you because I know
We both are pole apart and came from different paths
But you can understand my silence and tears
I don't need words to express my feelings