Monday, July 14, 2014

अतीत

अब बहुत हुआ
अतीत का बोझ उठा -उठाकर
मैं थक गई हूँ
आज इसे छोड़कर
चलने का वक़्त आ गया है

नहीं है इसकी कोई जरूरत
पर मेरी बरसों की आदत है
हर ज़ख्म को कुरेदती रहूँ
ज़िन्दगी को गवाती रहूँ

सालों गुजर जाते हैं
और मैं आज भी
सालों पुरानी ज़िन्दगी जीती रहती हूँ

हरजा नहीं है
पर क्या आँख मेरी इतनी बंद है
जहाँ रोशिनी से मैं अपना दामन भर सकती हूँ
वहां अंधेरों में बार-बार जाकर दिया जलाती हूँ
जहाँ ज़िन्दगी मुझे फूलों से भरने में लगी है
वहां मैं काँटों का हिसाब रखूं

चलो अब बहुत हुआ
ये अतीत का बोझ
अब मैं इस छोड़ देती हूँ
इसमें रखा कुछ नहीं
बस कुछ तश्वीरें हैं
उन्हें देखकर कभी हंस लेती हूँ
कभी रो लेती हूँ

हरजा  नहीं है
पर अतीत में जीना भी क्या कोई जीना होता है
आज हर बीते दिन को मैं जाने देती हूँ

एक नई सुबहे की शुरुवात करती हूँ
जहाँ अतीत का पर्दा ना हो
जहाँ आँखों में धुंध ना हो
जहाँ दिल में कोई दाग ना हो

Friday, July 11, 2014

Ignorance

I accept my ignorance
I don't know anything
Whether God exist or not
Whether there is a soul or not
I know nothing...
What is the purpose of life
Why I am here ?
But..
I will not look answer anywhere anymore
I accept this nothingness
I can survive in this darkness
I can live in this ignorance
But...
I can't live in lies
I can't live in dreams
I can't hide myself

Yes,Its scary
As if there is no ground underneath
As if I am just born and wondering about everything
As if I am complete stranger to this world

My feet shake while walking
I don't know which direction to move
Standing nowhere Seeking myself

Tuesday, July 8, 2014

ऐसे ही

तुझे पाकर भी क्या पालेंगे हम
तुझे खोकर भी क्या खो देंगे हम
बेकार की जिद्दो-जेहद हे सनम
अब हम खुद को ढूंढने निकलेगे !

कभी ना सोचा था ज़िन्दगी में ऐसा मुकाम भी आएगा
ना होगा खुद का पता ना खुदा की खबर होगी

जब ज़िन्दगी का गढ़ित पता ही नहीं
तो फिर शिकयत किस्से और क्यों ?

Saturday, July 5, 2014

Alone

Where can I run ?
How far I can run ?
Who can give me the truth ?
My beloved, even you can't come with me
Now,
I need to walk on my own
 I am scared of darkness and unknown path
But,
No one can come along with me
I need to walk alone
Trusting myself, one day the sun will rise
And I will see the rays of light in darkness