Monday, May 16, 2011

तेरे जाने के बाद...

हम उजड़ जायेगे तेरे जाने के बाद
ये जताकर मेरे यार
क्यों?
हमारी कीमत गिरा देते हो
अपनी बड़ा लेते हो

तेरे जाने के बाद...
न सांसें धामी न धड़कने रुकी
न आँखों ने देखना छोड़ा
न कानों ने सुनने से इनकार किया
फिर कहा उजड़ गए हम

जब तुझे नहीं जाना था,
तब भी जिया करते थे हम
तुझे जानकर अनजाना करना पड़ा,
तो क्या जीना छोड़ देगे हम?

मुहब्बत करना तुझसे कोई खता नहीं थी हमारी,
तुझे रास नहीं आई ये मर्जी है तेरी!

शौक से जा शुरू कर अपनी ज़िन्दगी
पर कोई तोहमत लगाकर मत जा
जा माफ़ किया तेरी हर खता के लिए
तू बार बार माफ़ी मांगकर
पुराने ज़ख्मों को हवा देने मत आ!

तू न सही कोई और सही,
किसी और के नसीब में हमारा प्यार सही!

तू हाल चाल पूछकर हमारा,
अपने होने का एहसास दिलाने मत आ!
जो हो चूका है हमें उससे शिकायत नहीं
क्यों हुआ, कैसे हुआ, किसने किया
इन सबका हिसाब लगाकर
हमें समझाने बुझाने मत आ!

तू चला गया है, तो चला ही जा!
झूठी तसल्ली देने मत आ
मुहब्बत होती तो कोई और बात थी,
तू इंसानियत के नाते मत आ!

संभलना आता है हमें,
तू खुद को खुदा बनाने मत आ!

3 comments:

  1. everytime i read this ..it makes me numb..!!!
    This all runs in my mind too but so difficult to pen it down and that too in such a b'ful way !!ur so good at it !!

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  2. कोई खुदा नहीं है तुम्हारा मेरी जान
    बस उसके सिवा
    किसीकी हस्ती नहीं है तुम्हें मिटाने की
    बस उसके सिवा
    You are very precious and beautiful ... never forget it even for a single moment

    Love...

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  3. When I read it again, I found its not what I want to say..I want to say something like

    कोई खुदा नहीं है तुम्हारा तुम्हारे सिवा
    तुम्हें कोई मिटा नहीं सकता है तुम्हारे सिवा

    Love...

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